Boekingskosten
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Kerala wordt terecht "Gods eigen land" genoemd. Het is door God geschonken met uitgestrekte binnenwateren, weelderige groene mistige bergen, groenblijvende bossen, lange stukken ongerepte stranden, en dat alles op slechts een smal stuk land. De keuzes zijn talrijk en dat geldt ook voor de heerlijke lekkernijen die u te wachten staan in Kerala.
Als je in Kerala bent, is het enige wat je doet "GO WITH THE FLOW". Laat de betoverende binnenwateren van Alleppey en Kumarakom het tempo van uw dag bepalen en het ontspannen dorpsleven kalmeert uw hart. Een ontspannen bamboeraften en junglewandeling door het Periyar National Park zullen de wildernis in je doen ontwaken. Een jeeprit door de eindeloze theeplantages van Munnar is een lust voor het oog. Verwen je smaakpapillen met smaken die je nog nooit eerder hebt gekend. Een wandeltocht door de dorpen van Kumarakom brengt je van dichtbij met het plattelandsleven in India. Deze reis zal voor jou een kans zijn om de gast van de God te zijn. Wanneer krijg je tenslotte de kans om een excursie te maken door Gods eigen land!
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Stadstour van een halve dag met gids door Kochi.
Begeleide junglewandeling door Periyar National Park (totaal 6 uur durende trip vanaf 06:00 uur)
Lunch
07 nachten verblijf in een tweepersoonsbed/twin/driedubbel verblijf in de 5-sterrenhotels en luxe privé AC-woonboot.
Kruidenplantagewandeling in Munnar
Privé-jeeprit in Munnar
Transfers & Sightseeing volgens route op een prive-AC auto met chauffeur (tot uw beschikking)
Toegangskaarten voor het theemuseum Munnar, de Kathakali Show en de vechtkunstshow Kalaripayattu.
Begeleide dorpswandeling bij Kumarakom
Fooien en fooien
Vluchten
Toeristenvisum
Reisverzekering
Vertrekpunt
Ophalen van reizigers wordt aangeboden
We halen op van Kochi Airport of een ander hotel in Kochi.
Ophalen van reizigers
Kochi Airport, Kochi (Cochin), Kerala, India
Opties voor openbaar vervoer zijn in de buurt aanwezig
Kinderen moeten bij een volwassene op schoot zitten
Niet aanbevolen voor reizigers met ruggengraatletsel
Niet aanbevolen voor zwangere reizigers
Niet aanbevolen voor reizigers met een slechte cardiovasculaire gezondheid
Reizigers moeten ten minste een gemiddelde conditie hebben
Draag een lange broek en comfortabele schoenen voor de Peryar Jungle-wandeling.
Deze ervaring kan niet worden gerestitueerd en kan om welke reden dan ook niet worden gewijzigd. Als u annuleert of om een wijziging vraagt, krijgt u het betaalde bedrag niet terug.
Explorer58930406259
05 Jun 2024
Very good company doing package tours in india. The staff is very supportive and are always available. They have good knowledge about the destinations across India.
Darshgrandpa
16 Mar 2024
जिन्दगी यादों का कारवाँ है.खट्टी मीठी भूली बिसरी यादें...
क्यूँ ना आज इन ख़ूबसूरत वादियों में हम उन्हें जिन्दा कर लें... कुछ ऐसी ही सोच है मेरी अपनी!
मेरे प्रिय शायर गुलज़ार साहब भी तो फ़रमाते मिले कि 'रात पहाड़ों पर कुछ और ही होती है !'सुनी है क्या आपने उनकी वो नज़्म?
पहाड़ों पर कौन नहीं जाता ? कभी मैदानों की भीषण गर्मी से निज़ात पाने, तो कभी बर्फ के गिरते फाहों के बीच अपने दिल को थोड़ी ठंडक पहुँचाने। या फिर निकल जाते हैं लोग यूँ ही बैठे ठाले प्रकृति के नैसर्गिक रूप का एक दो दिन ही सही.. स्वाद चख़ने। सारा दिन घूमते हैं। कभी जानी तो कभी अनजानी राहों पर। शाम आती है तो थोड़ी बाजार की तफ़रीह और थोड़ी पेट पूजा के बाद यूँ थक के चूर हो रात बिस्तर पे गिरते हैं कि पता ही नहीं चलता कब सुबह हो गई? इसलिए एक आम घुमक्कड़ कहाँ जान पाता है कि रात पहाड़ों की कैसी होती है? और गाहे बगाहे अगर ऐसा अवसर मिला भी तो क्या वो हम देख पाते हैं जो इस नज़्म में गुलज़ार साहब हमें दिखा रहे हैं... शायद हां.. शायद नहीं...
अपनी कहूँ तो मुन्नार , मनाली, गुलमर्ग, या पहाड़ों की रानी मसूरी...इन सभी की वादियों में गुजारी वो सभी रातें याद आती रहती हैं जिसकी सुंदरता को व्यक्त करने में शब्द भी थक जाते हैं....मेरी क्या हैसियत है जनाब !
पर ये अपने गुलज़ार तो जब चाहें जहाँ चाहें शब्दों का ऐसा तिलिस्म खड़ा करने में माहिर हैं जिसके जादू से प्रकृति के वो सारे देखे और महसूस किए गए रूप एकदम से आँखों के सामने आ जाते हैं। अंधकारमय रात को प्रकाशित करते चंद्रमा और तारों, पास बहती नदी का कलरव, बालों को उड़ाती और पत्तों को फड़फड़ाती हवा का संगीत और कहीं दूर गिरते झरनों की चिंघाड़ से आप भी कहीं ना कहीं रूबरू अवश्य हुए होंगे। गुलज़ार ने इन सबको कितनी खूबसूरती से पिरोया है .....एक लड़ी में इस नज़्म के माध्यम से.... पढ़िए और महसूस कीजिये...
" रात पहाड़ों पर कुछ और ही होती है
आस्मान बुझता ही नहीं
और दरिया रौशन रहता है
इतना ज़री का काम नज़र आता है फ़लक़ पे तारों का
जैसे रात में प्लेन से रौशन शहर दिखाई देते हैं
पास ही दरिया आँख पे काली पट्टी बाँध के
पेड़ों की झुरमुट में
कोड़ा जमाल शाही, "आई जुमेरात आई..पीछे देखे शामत आई
दौड़ दौड़ के खेलता है
कंघी रखके दाँतों में
आवाज़ किया करती है हवा
कुछ फटी फटी...झीनी झीनी
बालिग होते लड़कों की तरह !
इतना ऊँचा ऊँचा बोलते हैं दो झरने आपस में
जैसे एक देहात के दोस्त अचानक मिलकर वादी में
गाँव भर का पूछते हों..
नज़म भी आधी आँखें खोल के सोती है
रात पहाड़ों पर कुछ और ही होती है।
रात पहाड़ों पर कुछ और ही होती है! "
सचमुच हम और आप बूढ़े हो जायेंगे लेकिन ये पहाड़ और इनका क़ुदरती हुस्न...कभी भी बूढ़े नहीं होंगे....अब आज की बात..
मुन्नार
अपने होटल टी काउंटी में ब्रेकफास्ट लेकर हमलोग अब मुन्नार भ्रमण पर निकल रहे हैं| सुबह के लगभग दस बज रहे हैं | लोकल गाइड आ चुके हैं जो तमिल, मलयालम और अंग्रेज़ी धारा प्रवाहित होकर बोल लेते हैं |बता रहे हैं कि पहले अंग्रेज़ी हुकूमत द्वारा बनवाये गये मेडुपट्टी डैम हम जाएंगे |
मेडुपट्टी रिज़र्वोयर, मेडुपट्टी डैम, हाइडिल टूरिज्म के अंतर्गत उपलब्ध वाटर स्पोर्ट्स मोटर बोट और वाटर स्कूटर ....सब एक जगह |बड़ी बोट न रहने से हम सैर से वंचित रहे| हां, डैम देखे ,उसके बारे में रोचक जानकारी ली , फोटो शूट हुआ और ...फिर.बस में |
सवा ग्यारह बजे चुके हैं और अब हम आ चुके हैं मुन्नार डिवीजन के फ्लोरीकल्चर विभाग के रोज़ गार्डन में.. चारो ओर फूल ही फूल |मैदानी इलाकों में ये फूल नहीं दिखाई देते हैं |सभी जुट गये हैं फूलों की ख़ूबसूरती को मन में अंकित करने और मोबाइल कैमरों में क़ैद करने |यहां तमाम वस्तुओं और पौधों की बिक्री भी हो रही है|
मौसम अनुकूल है लेकिन बारिश की संभावना देखकर यह तय हुआ कि अब टी म्यूजियम हो लिया जाय क्योंकि लंच का समय अभी हुआ नहीं है|
गाइड बता रहे हैं कि यहां के पहाड़ों पर चाय बागान अंग्रेज़ी हुकूमत के समय से है| आज़ाद भारत में टाटा प्रतिष्ठान ने इनकी देखरेख शुरु की है|लगभग 250 सहयोगी इकाइयों से चाय का उत्पादन हो रहा है|हमलोगों ने चाय पत्ती बनने की पूरी प्रक्रिया भी सजीव देखी| जानकारी देने वले सज्जन चाय को संजीवनी कह रहे थे और उनका कहना था कि चाय बड़ी बड़ी बीमारियों को फटकने नहीं देती है| चाय के अनेक प्रकार जैसे ग्रीन टी, व्हाइट टी आदि और उनके उपयोग का सही समय और तरीका भी बता रहे थे |वहां हम सभी ने आन पेमेंट चाय पी भी और ख़रीदी भी है |
हां, इस म्यूजियम में कुछ ऐतिहासिक वस्तुओं को भी प्रदर्शित किया गया है जैसे पुरानी घड़ियां, टाइपराइटर, स्टैंडिंग पेपर निकालने वाली मशीन, चायपत्ती को प्रोसेस करने वाली पुरानी मशीनें... वगैरह |
आज दोपहर का लंच हमने एक नायाब होटल में लिया है|यह होटल जिस जगह पर बना है वहां किसी ज़माने में मुन्नार का अकेला सिनेमा घर पंकजम थियेटर हुआ करता था | यह थियेटर 1922 में बना था और उन दिनों इसमें मूक फिल्में चला करती थीं | वर्ष 1960 और फिर 1982 में इसका रिनोवेशन हुआ लेकिन एक दशक बाद ही तेजी से फैले टी. वी. कल्चर ने इसे समेटने को विवश कर दिया | द सिल्वर टिप्स नामक इस पांच सितारा होटल के अंदर और बाहर तमिल और हिन्दी सिनेमा के कलाकारों की बड़ी बड़ी पेंट की हुई तस्वीरें सजी हैं|बाहर अंग्रेजों के ज़माने का प्रोजेक्टर रखा है.. कुछ शूटिंग सम्बन्धित प्रतीकात्मक वस्तुएं भी रखी हैं| ऐसा लग रहा है मानो अभी किसी कोने से आवाज़ आएगी - " लाइट, कैमरा, एक्शन"....
आहा हा....मन मुग्ध हो गया है| पहले इसके मालिक चेट्टियार थे जिनकी पत्नी अंग्रेज़ थीं | उसके बाद इसके मालिक मथाई बन्धु हुए | अब ई. वी.एम. होटेल्स प्रा. लिमिटेड के इस उपक्रम के सी.ई.ओ. हैं हरिदास बी. नायर | पृथ्वीराज कपूर, मधुबाला, दिलीपकुमार के तो मानो वे दीवाने हों और उनकी बोलती तस्वीरों ने मुझे दीवाना बना दिया है| मैं उन चित्रों को इस पोस्ट के साथ दे रहा हूं.. आप भी देखिए...
पेट पूजा सम्पन्न होने के बाद हम लोग अब वापस अपने होटल के लिए... हमलोग होटल पहुंचें ही हैं कि बारिश होने लगी है.. ..! व्हाट ए लवली सीज़न....
ट्रेवेलाग.. मुन्नार से प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी
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11 Mar 2024
Wow! This was a trip of a lifetime. We were travelling to India for a wedding, and having not visited India before we were a bit apprehensive. We so shouldnt have been. From the moment I made an enquiry to Bout India Tours, to the day we said goodbye, we were absolutely delighted with their professionalism and kindness. They organised all our drivers, accommodation, tours and tour guides in Delhi, Agra and Kerala who were amazing. Bout India Tours staff were always available to chat to us 24/7 if we wanted to change our plans at any time. One one day we had 3 tours organised and we decided just to do one of them as were a bit tired and the beautiful Chahat from Bout India was straight onto the driver to advise him of our change. We loved how they checked in on us and their nothing was too hard approach. All the accomm was lovely especially The Leaf Resort in Kerala - incredible. The people of India are so kind and helpful and Kerala and the Taj Mahal were breathtaking... and we saw elephants in the wild in Kerala! We absolutely loved Kerala it was so beautiful.
Big thanks to all the Bout India staff who made this trip - Chahat, Pinki, Geet and Tejinder, and to Vijay, Athul our amazing drivers, and to our tour guides Harry and Anul. India you were amazing !NAMASTE X
Deze tour in
India
wordt uitgevoerd door
BOUT INDIA TOURS
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